Shani Stuti: शनिवार को इस विधि से करें शनि स्तुति, शनि दोष की मुक्ति के लिए करे शनि स्तुति

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  Shani Stuti:  शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इनको न्याय और कर्मफल के दाता कहा जाता है। जो लोग इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं उनके जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते है शनि स्तुति और इसका महत्व। शनि देव स्तुति नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: । नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: । नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: । त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥ प्रसाद कुरु...

सावन में कब है हरियाली अमावस्या? कैसे करनी है पूजा क्या है महत्व संपूर्ण जानकारी संपूर्ण

 

सावन में कब है हरियाली अमावस्या? कैसे करनी है पूजा क्या है महत्व संपूर्ण जानकारी संपूर्ण






(Hariyali Amavasya 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन कृष्ण अमावस्या तिथि 16 जुलाई को रात 10 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और 17 जुलाई  को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में उदयातिथि के चलते हरियाली अमावस्या का त्योहार 17 जुलाई दिन सोमवार को मनाया जाएगा.






Hariyali Amavasya 2023 Date: सावन

महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में श्रावण माह की अमावस्या को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंडदान एवं दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है। इस दिन नए पौधे लगाए जाते हैं। मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने से जीवन के सारे कष्ट दोष दूर हो जाते हैं। किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन किसान अपने खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और ईश्वर से अच्छी फसल होने की कामना करते हैं।


हरियाली अमावस्या पर बन रहे ये शुभ संयोग


17 जुलाई को हरियाली अमावस्या वाले दिन कुछ शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन सोमवार है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। साथ ही सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी इसी दिन है।


हरियाली अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त



हरियाली अमावस्या के दिन सुबह 05 बजकर 34 मिनट से सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 09 बजकर 01 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक शुभ समय है।


हरियाली अमावस्या पर जरूर करें ये काम


हरियाली अमावस्या पर स्नान, दान, पूजा-पाठ के अलावा पेड़-पौधे लगाने का भी महत्व है। इस दिन पौधे लगाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पौधे जरूर लगाएं।


हरियाली अमावस्या का महत्व




सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या होती है। इस समय अधिक बारिश वजह से धरती पर चारों ओर हरियाली छाई रहती है। चारों तरफ हरे पेड़-पौधे नजर आते हैं। ऐसे में इस दिन पेड़-पौधों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पीपल और तुलसी की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।



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