2025 me कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी (When will Vasant Panchami be celebrated)

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  2025 me कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी  Vasant Panchami 2025 : हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा होती है। धार्मिक मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। आइए जानते हैं कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी और महाकुंभ में इसका क्या है महत्व? कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी  Vasant Panchami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी पर्व की शुरुआत 2 फरवरी दिन रविवार को 09 बजकर 14 मिनट होगी। वहीं अगले दिन 3 फरवरी को शाम के 06 बजकर 52 मिनट पर संपन्न होगी। खासतौर पर इस दिन विद्या, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वसंत पंचमी को ज्ञान और शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है। Vasant Panchami 2025: सरस्वती पूजा का महत्व (Importance Of Saraswati Puja) वीणा वादिनी माता सरस्वती को विद्या, संगीत और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस दिन देवी की पूजा करने का उद्देश्य मानव जीवन में ज्ञान का प्रकाश और विवेक का संचार करना है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण...

मलमास शुरू है। आज से चलिए जानते हैं क्या काम वर्जित होता है मलमास में जानते है सम्पूर्ण जानकारी।



आज से शुरू हो रहा है मलमास, जानें इस दौरान क्या करें और।




आज से शुरू हो रहा है मलमास, जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

Malmas 2023 Start Date End Date: इस बार सावन के महीने में मलमास पड़ रहा है, जिसकी शुरुआत आज यानी 18 जुलाई 2023 से हो रही है। इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। हिंदू धर्म में मलमास को बहुत खास माना जाता है। इसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह विशेष महीना हर 3 साल में आता है। इस दौरान पूजा-पाठ का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इस बार 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब मलमास सावन के महीने में आया है। इसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं और शिव जी को श्रावण मास का देवता कहा जाता है। ऐसे में इस बार मलमास में भगवान विष्णु के साथ शिव जी की भी  कृपा प्राप्त होगी। मलमास में पूजा-पाठ, जप-तप का बड़ा महत्व है, लेकिन इस दौरान कुछ कामों को वर्जित भी किया गया है। आइए जानते हैं मलमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं... 



मलमास में करें ये काम


मलमास विष्णु जी को समर्पित है। इस दौरान श्रीहरि विष्णु की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस माह में भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।



दान पुणीय
इस दौरान ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करना चाहिए। गरीब-जरूरतमंदों की मदद करनी चाहि। साथ ही मलमास के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए और सात्विक आचरण करना चाहिए।

 
मलमास में न करें ये काम
शुभ कार्य: मलमास के दौरान किसी प्रकार के शुभ कार्य जैसे- शादी-विवाह, मुंडन, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि वर्जित होते हैं।


साथ ही मलमास में नए घर का निर्माण शुरू नहीं करना चाहिए। इस दौरान नया काम या व्यापार भी नहीं शुरू करना चाहिए। इसके अलावा अधिकमास के दौरान किसी व्रत की शुरुआत, व्रत उद्यापन, देव प्रतिष्ठा, वधू प्रवेश, भूमि की खरीदारी करने की भी मनाही की गई है।

मलमास में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

 मलमास के दौरान कुछ चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए। इस दौरान लहसुन-प्याज, मांस मदिरा, अंडे, बासी भोजन, शहद, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, साग-सब्जी, तिल का तेल, राई, गोभी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। 




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