कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक चलिए जानते हैं । कैसे ?

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 शनि ग्रह कुंडली के 12 घरों में से किसी भी घर में स्थित हो सकते हैं। जिस घर में शनि होते हैं, वहां उस घर के प्रभावों पर विशेष रूप से उनका असर होता है। कुंडली के प्रत्येक घर का अपना महत्व होता है, और शनि की उपस्थिति उस घर से संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां 12 घरों में शनि की उपस्थिति का सामान्य प्रभाव दिया गया है: 1. **पहला घर (लग्न भाव)**      शनि यहां होने पर व्यक्ति गंभीर, मेहनती और स्थिर स्वभाव का होता है, लेकिन कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2. **दूसरा घर (धन भाव)**      शनि दूसरे घर में होने पर धन की स्थिरता और आय में देरी हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम करने पर धन संचित होता है। परिवार से संबंधों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 3. **तीसरा घर (पराक्रम भाव)**      इस घर में शनि व्यक्ति को साहसी और मेहनती बनाता है, लेकिन भाई-बहनों से कुछ दूरी हो सकती है। यात्रा और लेखन से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। 4. **चौथा घर (सुख भाव)**      शनि चौथे घर में होने पर घर, वाहन, और संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी हो

मलमास शुरू है। आज से चलिए जानते हैं क्या काम वर्जित होता है मलमास में जानते है सम्पूर्ण जानकारी।



आज से शुरू हो रहा है मलमास, जानें इस दौरान क्या करें और।




आज से शुरू हो रहा है मलमास, जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

Malmas 2023 Start Date End Date: इस बार सावन के महीने में मलमास पड़ रहा है, जिसकी शुरुआत आज यानी 18 जुलाई 2023 से हो रही है। इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। हिंदू धर्म में मलमास को बहुत खास माना जाता है। इसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह विशेष महीना हर 3 साल में आता है। इस दौरान पूजा-पाठ का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इस बार 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब मलमास सावन के महीने में आया है। इसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं और शिव जी को श्रावण मास का देवता कहा जाता है। ऐसे में इस बार मलमास में भगवान विष्णु के साथ शिव जी की भी  कृपा प्राप्त होगी। मलमास में पूजा-पाठ, जप-तप का बड़ा महत्व है, लेकिन इस दौरान कुछ कामों को वर्जित भी किया गया है। आइए जानते हैं मलमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं... 



मलमास में करें ये काम


मलमास विष्णु जी को समर्पित है। इस दौरान श्रीहरि विष्णु की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस माह में भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।



दान पुणीय
इस दौरान ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करना चाहिए। गरीब-जरूरतमंदों की मदद करनी चाहि। साथ ही मलमास के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए और सात्विक आचरण करना चाहिए।

 
मलमास में न करें ये काम
शुभ कार्य: मलमास के दौरान किसी प्रकार के शुभ कार्य जैसे- शादी-विवाह, मुंडन, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि वर्जित होते हैं।


साथ ही मलमास में नए घर का निर्माण शुरू नहीं करना चाहिए। इस दौरान नया काम या व्यापार भी नहीं शुरू करना चाहिए। इसके अलावा अधिकमास के दौरान किसी व्रत की शुरुआत, व्रत उद्यापन, देव प्रतिष्ठा, वधू प्रवेश, भूमि की खरीदारी करने की भी मनाही की गई है।

मलमास में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

 मलमास के दौरान कुछ चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए। इस दौरान लहसुन-प्याज, मांस मदिरा, अंडे, बासी भोजन, शहद, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, साग-सब्जी, तिल का तेल, राई, गोभी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। 




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