केसर के तिलक : से सोई किस्मत जाग जाती है चलिए जानते हैं कैसे?।

 

            केसर का  तिलक                




अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति के लिए लगाएं तिलक, जानें केसर के तिलक का महत्व

दरअसर हिंदू संस्कृति व शास्त्रों में तिलक को मंगल व शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति शुभ काम के लिए जाता है तो उसके मस्तक पर तिलक लगाकर उसे विदा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं तिलक आपकी कई मनोरामनाएं भी पूरी करता है।

तिलक का मुख्य स्थान मस्तक होता है, क्योंकि इस स्थान पर सात चक्रों में से एक आज्ञा चक्र होता है। शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन तिलक लगाने से यह चक्र जाग्रत हो जाता है और व्यक्ति को ज्ञान, समय से परे देखने की शक्ति , आकर्षण प्रभाव और उर्जा प्रदान करता है। इस स्थान पर अलग-अलग पदार्थों के तिलक लगाने का अलग-अलग महत्व है। इनमें सबसे अधिक चमत्कारी और तेज प्रभाव दिखाने वाला पदार्थ केसर है। केसर का तिलक करने से कई कामनाओं की पूर्ति की जा सकती है।





बृहस्पति ग्रह दोष से मुक्ति के लिए


जीवन में सभी मंगल कार्य होते रहे इसके लिए बृहस्पति का उच्च स्थिति में होना बेहद जरूरी है.क्योंकि बृहस्पति अथवा गुरु ग्रह को मांगलिक कार्यों का कारक माना जाता है. गुरु को अनुकूल करने के लिए केसर (Saffron) का तिलक रोज लगाना चाहिए.
- कुंडली में बृहस्पति अशुभ चल रहा हो तो हर रोज नियम से केसर (Saffron) का तिलक मस्तक के केन्द्र में, ह्रदय के मध्य और नाभि पर लगाएं.बृहस्पतिवार के दिन केसर (Saffron) का तिलक जरूर करें.
केसर (Saffron) दूध या केसर वाली छोटे चावल वाली खीर, दान करें.यदि किसी गुरु को सेवन करने को दें तो इससे बृहस्पति सकारात्मक फल देता है.
- चने की दाल और केसर (Saffron) श्री हरी विष्णु के मंदिर अथवा केले के पेड़ पर बृहस्पतिवार को रख आएं.इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे.

आर्थिक लाभ एवं सुख-समृद्धि के लिए केसर

- कहा जाता है कि महालक्ष्मी जी का ध्यान कर मस्तक पर केसर (Saffron) का तिलक लगाने से शुभ समाचार मिलते है.
- घर के मुख्यद्वार पर शुद्ध केसर से स्वास्तिक बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- शुक्ल पक्ष से पहले गुरुवार को केसर (Saffron) को तिलक माथे पर लगा लें.इससे घर में धन का आगमन होने लगता है.


दाम्पत्य जीवन के लिए केसर



अगर आपके दांपत्य जीवन में किसी तरह का तनाव रहता है या कलहपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ रहा हो तो अपने माथे, दिल और नाभि पर केसर (Saffron) का तिलक लगाएं और केसर (Saffron) मिश्रित दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें.
ऐसा लगातार करने पर 2 से 3 महीने के अंदर प्रभाव दिखना शुरू हो जाता है, ऐसी मान्यता है.

आकर्षण शक्ति बढाएं केसर / व्यक्तित्व का विकास


Saffron में अदभुत आकर्षण गुण मौजूद होते हैं.नियमित केसर का तिलक करने पर ऐसा इंसान दूसरों को अपनी तरफ सम्मोहित करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है.इस तरह केसर जीवन के लिए मंगलकारी और स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है.

केसर का चिकित्सकीय महत्व
- वैज्ञानिक मान्यता है कि केसर में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर को सुरक्षित रखते हैं और इसमें मौजूद कंपाउंड कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर ग्रोथ को रोकते हैं. केसर (Saffron) में पाए जाने वाला क्रोसिन नामक यौगिक कोलोरेक्टल कैंसर, स्किन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है.

- इसके अलावा चेहरे की सुंदरता बढाने,सर्दी खांसी,कफ में राहत, पाचन क्षमता मजबूत करने,आंखों की रोशनी बढाने,वजन कम करने,दिल की बीमारी सहित प्रमुख बीमारियों से बचाव कर शरीर को विभिन्न तरह से केसर (Saffron) के उपयोग से लाभ मिलते हैं.
- नींद नहीं आने की वजह से शरीर में कई बीमारी होती है और डिप्रेशन जैसी समस्याएं परेशान करती हैं.ऐसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने और अच्छी नींद के लिए केसर का उपयोग बेहद लाभकारी है.

तिलक ऐसे लगाएं
केसर (Saffron) का एक रेशा लेकर एक कटोरी में रखें और उसके ऊपर एक-दो बूंद पानी डालें, ये अपना रंग छोड़ने लगेगी, फिर सीधे हाथ की रिंग फिंगर से तिलक लगाएं.



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