कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक चलिए जानते हैं । कैसे ?

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 शनि ग्रह कुंडली के 12 घरों में से किसी भी घर में स्थित हो सकते हैं। जिस घर में शनि होते हैं, वहां उस घर के प्रभावों पर विशेष रूप से उनका असर होता है। कुंडली के प्रत्येक घर का अपना महत्व होता है, और शनि की उपस्थिति उस घर से संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां 12 घरों में शनि की उपस्थिति का सामान्य प्रभाव दिया गया है: 1. **पहला घर (लग्न भाव)**      शनि यहां होने पर व्यक्ति गंभीर, मेहनती और स्थिर स्वभाव का होता है, लेकिन कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2. **दूसरा घर (धन भाव)**      शनि दूसरे घर में होने पर धन की स्थिरता और आय में देरी हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम करने पर धन संचित होता है। परिवार से संबंधों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 3. **तीसरा घर (पराक्रम भाव)**      इस घर में शनि व्यक्ति को साहसी और मेहनती बनाता है, लेकिन भाई-बहनों से कुछ दूरी हो सकती है। यात्रा और लेखन से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। 4. **चौथा घर (सुख भाव)**      शनि चौथे घर में होने पर घर, वाहन, और संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी हो

07 या 06 सितंबर, कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए तिथि और समय

 07 या 06 सितंबर, कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए तिथि और समय





Janmashtami 2023 हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दिन लड्डू गोपाल की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि जन्माष्टमी 06 सितंबर को मनाया जाएगा या 07 सितंबर को? आइए विस्तार से जानते हैं-


Krishn Janmashtami Kab Hai- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. हर साल जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाता है. एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं. ऐसे में आपको बता दें कि 6 और 7 सितंबर दोनों दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. गृहस्थ जीवन जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे.



6 सितंबर को भगवान श्री कृष्ण का 5250 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि यानी 12 बजे रात को मथुरा में हुआ था. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल पूरे देश में पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन भक्त व्रती रहकर पूरे नियम और संयम से भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं.हिंदू ग्रथों के अनुसार, कंस के बढ़ रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने जन्माष्टमी के दिन कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था.


कृष्ण जन्माष्टमी 2023 कब 06 या 07 सितंबर को?

वैदिक पंचांग के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 07 सितंबर दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं इस दिन रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर सुबह 09 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा जो 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। ऐसे में निशिता काल में भगवान श्री कृष्ण की उपासना की वजह से स्मार्त सम्प्रदाय द्वारा जन्माष्टमी पर्व 06 सितंबर 2023, बुधवार के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा।


लेकिन आपको बता दें कि वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र को प्राथमिकता देते हैं। वह सप्तमी तिथि पर जन्माष्टमी नहीं मनाते। जिस वजह वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा 07 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन जनमाष्टमी पर्व मनाया जाएगा।



कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा का समय 06 सितंबर रात्रि 11 बजकर 17 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इस समय स्मार्त सम्प्रदाय द्वारा पूजा-पाठ किया जाएगा। वहीं वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा बाल गोपाल की पूजा 07 सितंबर रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट के मध्य किया जाएगा।


कृष्ण जन्माष्टमी 2023 शुभ योग

ज्योतिष पंचांग में बताया गया है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कई अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ अवसर पर हर्षण योग रात्रि 10 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन और रवि योग सुबह 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इन सभी शुभ योग को पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ माना

 जाता है।








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