कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक चलिए जानते हैं । कैसे ?

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 शनि ग्रह कुंडली के 12 घरों में से किसी भी घर में स्थित हो सकते हैं। जिस घर में शनि होते हैं, वहां उस घर के प्रभावों पर विशेष रूप से उनका असर होता है। कुंडली के प्रत्येक घर का अपना महत्व होता है, और शनि की उपस्थिति उस घर से संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां 12 घरों में शनि की उपस्थिति का सामान्य प्रभाव दिया गया है: 1. **पहला घर (लग्न भाव)**      शनि यहां होने पर व्यक्ति गंभीर, मेहनती और स्थिर स्वभाव का होता है, लेकिन कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2. **दूसरा घर (धन भाव)**      शनि दूसरे घर में होने पर धन की स्थिरता और आय में देरी हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम करने पर धन संचित होता है। परिवार से संबंधों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 3. **तीसरा घर (पराक्रम भाव)**      इस घर में शनि व्यक्ति को साहसी और मेहनती बनाता है, लेकिन भाई-बहनों से कुछ दूरी हो सकती है। यात्रा और लेखन से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। 4. **चौथा घर (सुख भाव)**      शनि चौथे घर में होने पर घर, वाहन, और संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी हो

प्रेमानंद महाराज से जानें सुबह जल्दी जागने के फायदे

                   प्रेमानंद महाराज



हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है ।

इस समय के दौरान भजन करना बहुत लाभदायक होता है. इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो
ब्रह्मचर्य से हीन, कई तरह की मानसिक बिमारिया उसको घेर लेती है.

मानसिक बिमारियों के साथ मनुष्य को शारीरिक अस्वस्थ्यता का भी सामना करना पड़ सकता है. मनासिक बिमारियों की वजह से मन डरना लगेगा. इसीलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना बहुत शुभ माना गया




हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के कई फायदे हैं:




इस समय में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय ध्यान और प्रार्थना के लिए बहुत उत्तम है. इस समय में वायु शुद्ध होती है जिससे श्वसन तंत्र मजबूत होता है. इसके अलावा, इस समय में जागने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. ब्रह्म मुहूर्त में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम है. जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के लिए हमें धीरे-धीरे अपनी आदत बदलनी चाहिए. हमें पहले थोड़ा जल्दी सोना शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे अपने सोने और जागने का समय ब्रह्म मुहूर्त के अनुसार कर लेना चाहिए.

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