Shani Stuti: शनिवार को इस विधि से करें शनि स्तुति, शनि दोष की मुक्ति के लिए करे शनि स्तुति

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  Shani Stuti:  शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इनको न्याय और कर्मफल के दाता कहा जाता है। जो लोग इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं उनके जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते है शनि स्तुति और इसका महत्व। शनि देव स्तुति नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: । नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: । नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: । त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥ प्रसाद कुरु...

प्रेमानंद महाराज से जानें सुबह जल्दी जागने के फायदे

                   प्रेमानंद महाराज



हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है ।

इस समय के दौरान भजन करना बहुत लाभदायक होता है. इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो
ब्रह्मचर्य से हीन, कई तरह की मानसिक बिमारिया उसको घेर लेती है.

मानसिक बिमारियों के साथ मनुष्य को शारीरिक अस्वस्थ्यता का भी सामना करना पड़ सकता है. मनासिक बिमारियों की वजह से मन डरना लगेगा. इसीलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना बहुत शुभ माना गया




हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के कई फायदे हैं:




इस समय में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय ध्यान और प्रार्थना के लिए बहुत उत्तम है. इस समय में वायु शुद्ध होती है जिससे श्वसन तंत्र मजबूत होता है. इसके अलावा, इस समय में जागने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. ब्रह्म मुहूर्त में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम है. जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के लिए हमें धीरे-धीरे अपनी आदत बदलनी चाहिए. हमें पहले थोड़ा जल्दी सोना शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे अपने सोने और जागने का समय ब्रह्म मुहूर्त के अनुसार कर लेना चाहिए.

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