शारदीय नवरात्रि 2024: कब से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि पर्व ? घटस्थापना का शुभ मुहूर्त जाने संपूर्ण जानकारी ।

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               शारदीय नवरात्रि 2024              शारदीय नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय व महत्वपूर्ण नवरात्रि है। इसलिए शारदीय नवरात्रि को महा नवरात्रि भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि आश्विन मास में शरद ऋतु के समय आती है। शरद ऋतु होने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां भवानी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।  शारदीय नवरात्रि 2024 की तिथियां- नवरात्रि का पहला दिन- 3 अक्टूबर, गुरुवार- मां शैलपुत्री पूजा नवरात्रि का दूसरा दिन- 4 अक्टूबर, गुरुवार- मां ब्रह्मचारिणी पूजा नवरात्रि का तीसरा दिन- 5 अक्टूबर, गुरुवार- मां चन्द्रघण्टा पूजा नवरात्रि का चौथा दिन- 6 अक्टूबर, गुरुवार- मां कूष्माण्डा पूजा नवरात्रि का पांचवां दिन- 7 अक्टूबर, गुरुवार- मां स्कन्दमाता पूजा नवरात्रि का छठवां दिन- 8 अक्टूबर, गुरुवार- मां कात्यायनी पूजा नवरात्रि का सातवां दिन- 9 अक्टूबर, गुरुवार- मां कालरात्रि पूजा नवरात्रि का आठवां दिन- 10 अक्टूबर, गुरुवार- मां सिद्धिदात्री पूजा नवरात्रि का नौवां दिन- 11 अक्टूबर, गुरुव

प्रेमानंद महाराज से जानें सुबह जल्दी जागने के फायदे

                   प्रेमानंद महाराज



हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है ।

इस समय के दौरान भजन करना बहुत लाभदायक होता है. इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो
ब्रह्मचर्य से हीन, कई तरह की मानसिक बिमारिया उसको घेर लेती है.

मानसिक बिमारियों के साथ मनुष्य को शारीरिक अस्वस्थ्यता का भी सामना करना पड़ सकता है. मनासिक बिमारियों की वजह से मन डरना लगेगा. इसीलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना बहुत शुभ माना गया




हर मनुष्य को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठ जाना चाहिए. प्रात: काल का उठ कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें. मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए. इससे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य बना रहता है

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के कई फायदे हैं:




इस समय में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय ध्यान और प्रार्थना के लिए बहुत उत्तम है. इस समय में वायु शुद्ध होती है जिससे श्वसन तंत्र मजबूत होता है. इसके अलावा, इस समय में जागने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. ब्रह्म मुहूर्त में मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. इसलिए यह समय आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम है. जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने के लिए हमें धीरे-धीरे अपनी आदत बदलनी चाहिए. हमें पहले थोड़ा जल्दी सोना शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे अपने सोने और जागने का समय ब्रह्म मुहूर्त के अनुसार कर लेना चाहिए.

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