Shani Stuti: शनिवार को इस विधि से करें शनि स्तुति, शनि दोष की मुक्ति के लिए करे शनि स्तुति

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  Shani Stuti:  शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इनको न्याय और कर्मफल के दाता कहा जाता है। जो लोग इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं उनके जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते है शनि स्तुति और इसका महत्व। शनि देव स्तुति नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: । नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: । नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: । त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥ प्रसाद कुरु...

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दर्शन करना चाहते है आप , तो जानिए यहां तक कैसे पहुंचे ?

 मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग  




भारत अपने ऐतिहासिक मंदिरों और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह भारत के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। ऐसे में अगर आप भी मल्लिकार्जुन मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और मंदिर खुलने का समय, आसपास घूमने की जगहें भी बताएंगे।


मल्लिकार्जुन मंदिर के खुलने का सही समय



मंदिर खुलने का समय – मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है।


मंदिर बंद होने का समय – मंदिर रात 10:00 बजे बंद हो जाता है।


मंदिर में प्रवेश – निःशुल्क।


मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने की जगहें


मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने की जगह

मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें शिखरेश्वरम, फलाधार पंचधारा, साक्षी गणपति, हाटकेश्वरम, अक्कमहादेवी गुफाएं आदि शामिल हैं। अगर आप यहां आएं तो इन जगहों पर घूम सकते हैं।


ऐसे पहुंचें मल्लिकार्जुन मंदिर

यदि आप ट्रेन से मंदिर आने की योजना बना रहे हैं, तो भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन मार्कपुर है, जो मंदिर से 80 किलोमीटर दूर है। यहां से आप निजी टैक्सी या निजी/सरकारी बस से मंदिर तक अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा निकटतम हवाई अड्डा बेगमपेट है, जो मंदिर से लगभग 7 किलोमीटर दूर है।

अगर आप सड़क मार्ग से यहां आने का प्लान कर रहे हैं तो आप यहां आसानी से आ सकते हैं। अगर आप सड़क मार्ग से यहां आने का प्लान कर रहे हैं तो आप यहां आसानी से आ सकते हैं। आप अपनी कार, निजी टैक्सी या निजी/सरकारी बस से आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह मंदिर श्रीशैलम बस स्टैंड से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग  का इतिहास 

कार्तिकेय के चले जाने पर भगवान शिव उस क्रौंच पर्वत पर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गये तभी से वे 'मल्लिकार्जुन' ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध हुए। 'मल्लिका' माता पार्वती का नाम है, जबकि 'अर्जुन' भगवान शंकर को कहा जाता है। इस प्रकार सम्मिलित रूप से 'मल्लिकार्जुन' नाम उक्त ज्योतिर्लिंग का जगत् में प्रसिद्ध हुआ।









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