Shani Stuti: शनिवार को इस विधि से करें शनि स्तुति, शनि दोष की मुक्ति के लिए करे शनि स्तुति

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  Shani Stuti:  शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इनको न्याय और कर्मफल के दाता कहा जाता है। जो लोग इस दिन विधि विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं उनके जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते है शनि स्तुति और इसका महत्व। शनि देव स्तुति नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च । नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: । नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: । नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥ नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते । सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥ अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते । नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥ तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥ ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे । तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥ देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: । त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥ प्रसाद कुरु...

2024 धनतेरस पूजा की तिथि एवं मुहूर्त

धनतेरस 2024:




धनतेरस हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है, जिसे दिवाली की शुरुआत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। इस शुभ दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि जी की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस खास दिन देवी-देवताओं की आराधना करने से तिजोरी पैसों से भरी रहती है। इसके अलावा घरवालों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। धनतेरस के दिन धन की देवी और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजा करने से प्रत्येक व्यक्ति को पैसों की कमी से छुटकारा मिल सकता

2024 में धनतेरस कब है?


वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर धनतेरस की पूजा 29 अक्टूबर 2024 को की जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:30 मिनट से लेकर रात 08:12 मिनट तक है। बता दें कि धनतेरस की पूजा सुबह की जगह शाम में करना शुभ होता है।

धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस के दिन प्रात: काल उठें।
किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
घर आकर मंदिर की साफ-सफाई करें।
घर को दीप और फूलों से सजाएं।
शामें के समय शुभ मुहूर्त में घर के मंदिर में एक चौकी लगाएं। उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
चौकी पर भगवान गणेश, धन की देवी मां लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि भगवान की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें।
देवी-देवताओं के सामने देसी घी का दीप जलाएं।
सभी भगवान का कुमकुम या चंदन से तिलक करें।
फल, फूलों की माला और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में आरती करके पूजा का 


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