कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक चलिए जानते हैं । कैसे ?

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 शनि ग्रह कुंडली के 12 घरों में से किसी भी घर में स्थित हो सकते हैं। जिस घर में शनि होते हैं, वहां उस घर के प्रभावों पर विशेष रूप से उनका असर होता है। कुंडली के प्रत्येक घर का अपना महत्व होता है, और शनि की उपस्थिति उस घर से संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां 12 घरों में शनि की उपस्थिति का सामान्य प्रभाव दिया गया है: 1. **पहला घर (लग्न भाव)**      शनि यहां होने पर व्यक्ति गंभीर, मेहनती और स्थिर स्वभाव का होता है, लेकिन कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2. **दूसरा घर (धन भाव)**      शनि दूसरे घर में होने पर धन की स्थिरता और आय में देरी हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम करने पर धन संचित होता है। परिवार से संबंधों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 3. **तीसरा घर (पराक्रम भाव)**      इस घर में शनि व्यक्ति को साहसी और मेहनती बनाता है, लेकिन भाई-बहनों से कुछ दूरी हो सकती है। यात्रा और लेखन से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। 4. **चौथा घर (सुख भाव)**      शनि चौथे घर में होने पर घर, वाहन, और संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी हो

वस्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा होना चाहिए आप का घर कभी नहीं आएगी धन की कमी ।

वास्‍तु टिप्‍स: अपने घर को सुख-शांति से भरें




### वास्‍तु टिप्‍स: अपने घर को सुख-शांति से भरें


वास्‍तु शास्‍त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे घर और कार्यक्षेत्र में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करने में मदद करता है। सही वास्‍तु का पालन करके हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण वास्‍तु टिप्‍स:


#### 1. घर का मुख्‍य द्वार

मुख्‍य द्वार को साफ और व्यवस्थित रखें। इसे उत्तर या पूर्व की दिशा में बनाना शुभ माना जाता है। द्वार पर फूलों का तोरण लगाना या शुभ चिह्न बनाना लाभकारी होता है।


#### 2. रसोई का स्थान

रसोई को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना बेहतर होता है। गैस स्टोव को दक्षिण या पूर्व की ओर रखें, ताकि खाना बनाते समय रसोइया का मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो।


#### 3. शयनकक्ष का निर्माण

शयनकक्ष को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाना उत्तम होता है। बेड को ऐसी स्थिति में रखें कि जब आप सोएं तो आपके पैर दरवाजे की ओर न हों।


#### 4. बैठक का स्थान

बैठक या लिविंग रूम को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। सोफे को ऐसी दिशा में रखें, जिससे घर के मुख्‍य द्वार का दृश्य साफ दिखाई दे।


#### 5. जल का स्थान

जल स्रोत (जैसे बाथरूम या किचन में सिंक) को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


#### 6. पौधों का महत्‍व

घर में हरी पत्तेदार पौधे लगाना अच्छा होता है। तुलसी, पैसा पौधा और बांस जैसे पौधे घर में सुख-शांति लाते हैं। 


#### 7. नकारात्‍मक ऊर्जा से बचें

घर में नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए टूटे या खराब सामान को फेंक दें। मुरझाए हुए फूल और सूखे पत्ते भी हटा दें।


#### 8. प्रकाश और वेंटिलेशन

घर में प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन का ध्‍यान रखें। यह न केवल ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है, बल्कि घर को सकारात्मक बनाता है।


### निष्कर्ष

वास्‍तु शास्‍त्र का पालन करके हम अपने जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं। इन सरल टिप्‍स को अपनाकर आप अपने घर को एक सकारात्मक और खुशनुमा जगह बना सकते हैं। अपने आसपास की ऊर्जा को संतुलित रखें और खुशहाल जीवन जीएं!


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