कुंडली में शनि की स्थिति तय करती है, आप राजा बनेंगे या रंक चलिए जानते हैं । कैसे ?

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 शनि ग्रह कुंडली के 12 घरों में से किसी भी घर में स्थित हो सकते हैं। जिस घर में शनि होते हैं, वहां उस घर के प्रभावों पर विशेष रूप से उनका असर होता है। कुंडली के प्रत्येक घर का अपना महत्व होता है, और शनि की उपस्थिति उस घर से संबंधित क्षेत्रों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां 12 घरों में शनि की उपस्थिति का सामान्य प्रभाव दिया गया है: 1. **पहला घर (लग्न भाव)**      शनि यहां होने पर व्यक्ति गंभीर, मेहनती और स्थिर स्वभाव का होता है, लेकिन कभी-कभी आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2. **दूसरा घर (धन भाव)**      शनि दूसरे घर में होने पर धन की स्थिरता और आय में देरी हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम करने पर धन संचित होता है। परिवार से संबंधों में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। 3. **तीसरा घर (पराक्रम भाव)**      इस घर में शनि व्यक्ति को साहसी और मेहनती बनाता है, लेकिन भाई-बहनों से कुछ दूरी हो सकती है। यात्रा और लेखन से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। 4. **चौथा घर (सुख भाव)**      शनि चौथे घर में होने पर घर, वाहन, और संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी हो

राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करने के उपाय

 राहु के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं और जीवन में शांति और संतुलन लाने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए जा रहे हैं:




### 1. **राहु मंत्र जप**:

   - "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" इस मंत्र का जप राहु को शांत करने में सहायक होता है। इसे रोजाना 108 बार जपना चाहिए।

   

### 2. **सर्पों की सेवा**:

   - राहु का संबंध सर्प से है, इसलिए नाग देवता की पूजा करना और सर्पों की सेवा करना राहु के प्रभाव को शांत करने का एक प्रभावी तरीका है। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।


### 3. **काले तिल और सरसों का तेल**:

   - शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और उड़द की दाल का दान करना राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है। 


### 4. **हनुमान जी की पूजा**:

   - हनुमान जी राहु के अशुभ प्रभावों को शांत करते हैं। मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी की आराधना राहु के बुरे प्रभावों को कम करती है।


### 5. **गोमेद धारण करें**:

   - राहु का प्रमुख रत्न गोमेद (गैरेट) है। इसे धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों में कमी आती है। इसे शुभ मुहूर्त में और किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह से पहनें।


### 6. **नारियल का उपाय**:

   - काले कपड़े में नारियल बांधकर, उसे शनिवार को जल प्रवाह कर दें या शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे राहु के दोष में कमी आती है।


### 7. **शनि देव की पूजा**:

   - राहु का शनि से संबंध माना जाता है, इसलिए शनि देव की पूजा करना राहु के अशुभ प्रभावों को शांत करने में सहायक होता है। शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर उनकी पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।


### 8. **शुद्ध आचरण और संयमित जीवन**:

   - राहु की शांति के लिए व्यक्ति को संयमित जीवन जीना चाहिए। नशीले पदार्थों और बुरी आदतों से दूर रहें। साफ-सुथरे विचारों और कर्मों से राहु का नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है।


### 9. **भैरव पूजा**:

   - काल भैरव की पूजा राहु दोष को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। काल भैरव को शराब, काले तिल, उड़द की दाल चढ़ाएं।


### 10. **राहु यंत्र**:

   - राहु यंत्र को धारण या उसकी पूजा करने से राहु के बुरे प्रभावों में कमी आती है। इस यंत्र को किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बाद ही धारण करें।


### 11. **दान और सेवा**:

   - शनिवार को गरीबों को काले कपड़े, काले तिल, सरसों का तेल, और काले जूते का दान करना राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करता है।




इन उपायों को नियमित रूप से करने से राहु के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है। लेकिन इन्हें करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना बेहतर होता है।

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