Shani Stuti: शनिवार को इस विधि से करें शनि स्तुति, शनि दोष की मुक्ति के लिए करे शनि स्तुति

पितृ दोष को दूर करने के कई पारंपरिक और धार्मिक उपाय हैं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में मान्यता प्राप्त है। ये उपाय व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं को कम करने में सहायक माने जाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य उपाय दिए जा रहे हैं:
1. **पितृ तर्पण**
- तर्पण का अर्थ है जल चढ़ाकर पूर्वजों को संतुष्ट करना। श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) के दौरान विशेष रूप से पितरों के लिए तर्पण किया जाता है।
- तर्पण करते समय पवित्र नदी या किसी जल स्रोत के पास जाकर जल में काले तिल, दूध और कुशा मिलाकर अर्पण करना चाहिए।
2. **पिंडदान**
- गया, हरिद्वार, प्रयागराज जैसे पवित्र स्थानों पर पिंडदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पिंडदान से पितृ दोष के कारण जीवन में आ रही समस्याओं में कमी आ सकती है।
3. **पीपल के पेड़ की पूजा**
- शास्त्रों के अनुसार पीपल का पेड़ पितरों का प्रतीक माना जाता है।
- प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाकर दीपक जलाना चाहिए। इसमें काले तिल डालना भी लाभकारी माना जाता है।
4. **नारायण बली पूजा**
- नारायण बली पूजा एक विशेष अनुष्ठान है जो पितृ दोष के निवारण के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से पितृ दोष की शांति के लिए आवश्यक माना गया है।
- यह पूजा किसी अनुभवी पुजारी द्वारा कराने से अधिक प्रभावी मानी जाती है और इसे धार्मिक स्थानों पर करना उचित होता है।
5. **पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप**
- “ॐ पितृभ्य: नमः” मंत्र का जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
- इसके साथ “पितृ गायत्री मंत्र” का जाप भी लाभकारी माना जाता है।
6. **बृहस्पति पूजा और व्रत**
- बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार का व्रत और पूजा करना चाहिए।
- यह भी माना जाता है कि बृहस्पति पूजा से पितृ दोष में कमी आ सकती है क्योंकि यह ग्रह हमारे कर्म और भाग्य को प्रभावित करता है।
7. **दान और पुण्य कर्म**
- गरीबों को भोजन, कपड़े और जरूरतमंदों की सहायता करना पितरों को शांति प्रदान करता है।
- इस दिन गाय, कौवे और कुत्तों को भी भोजन अर्पित करना शुभ माना जाता है।
इन उपायों को करने से पितृ दोष के कारण होने वाली समस्याओं में कमी आ सकती है। हालांकि, इन उपायों को करते समय किसी योग्य ज्योतिषी या विद्वान की सलाह लेना भी महत्वपूर्ण होता है।
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