2025 me कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी (When will Vasant Panchami be celebrated)

वैभव लक्ष्मी व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष से प्रारंभ कर सकते हैं। वैभव लक्ष्मी व्रत करने से हर प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा व्यक्ति धन, संपत्ति तथा कर्ज से जुड़ी हुई समस्याओं से मुक्त हो जाता है।
वैभव लक्ष्मी कितने व्रत करें |
वैभव लक्ष्मी व्रत जिस दिन प्रारंभ किया जाता है उसी दिन संकल्प किया जाता है। उस संकल्प में यह बोलना अनिवार्य होता है कि आप कितने शुक्रवार का व्रत करेंगे 11,21, 51 या 101, शुक्रवार करने का संकल्प आप अवश्य करें इसके बिना व्रत और संकल्प पूर्ण नहीं होता।
कैसे करें वैभव लक्ष्मी व्रत |
- शुक्रवार के दिन सुबह स्नान कर साफ, धुले वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें. लाल या सफेद रंग के कपड़े पहनना अच्छा होगा. पूरे दिन आप फलाहार करके यह व्रत रख सकते हैं.
-शुक्रवार को शाम को दोबारा स्नान करने के बाद पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति और श्रीयंत्र स्थापित करें .
- वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाएं और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्थापित करें. कलश के ऊपर एक कटोरी में चांदी के सिक्के या कोई सोने-चांदी का आभूषण रखें.
- रोली, मौली, सिंदूर, फूल,चावल की खीर आदि मां लक्ष्मी अर्पित करें. पूजा के बाद वैभव लक्ष्मी कथा का पाठ करें. वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें और अंत में देवी लक्ष्मी की आरती कर दें. शाम को पूजा के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं.
वैभव लक्ष्मी मंत्र |
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम |
व्रत का पारण मां लक्ष्मी की प्रसाद में चढ़ाई खीर से करें.
इस दिन खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए.
वैभव लक्ष्मी व्रत में श्रीयंत्र की पूजा अवश्य करें
वैभव लक्ष्मी उद्यापन विधि |
वैभव लक्ष्मी व्रत में उद्यापन का विशेष महत्व होता है। वैभव लक्ष्मी का उद्यापन व्रत के आखिरी दिन होता है, जैसे आपने 11 शुक्रवार का संकल्प लिया है तो 11वें दिन ही माता वैभव लक्ष्मी के व्रत का उद्यापन करेंगे। उद्यापन के दिन शाम की पूजा के बाद 7 कुंवारी लड़कियों या सुहागन महिलाओं को अपने घर बुलाएं, उनके पैरों में महावर लगाएं, उन्हें सिंदूर लगाएं, उन्हें माता वैभव लक्ष्मी की एक-एक पुस्तक उपहार में दें, उन्हें खीर का प्रसाद दें और प्रसन्न कर उन्हें अपने घर से विदा करें।
इस प्रकार माता वैभव लक्ष्मी का यह व्रत पूर्ण होता है।
धन्यवाद
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